पुस्तकों की हार्ड कॉपी का अपना
अलग ही महत्व है लेकिन यदि हमें इसकी सॉफ्ट कॉपी भी मिल जाये तो कितना
अच्छा हो। सॉफ्ट कॉपी का अपना मज़ा है। सबसे अच्छी बात यह है कि एन सी ई आर
टी (NCERT) अभी आपको सॉफ्ट कॉपी नि:शुल्क उपलब्ध करवा रही है
शुक्रवार, 23 नवंबर 2012
गुरुवार, 22 नवंबर 2012
विंडोज बूटिंग के दौरान अपना बालपेपर दिखाएँ
जी हाँ अब आप विंडोज बूटिंग के दौरान विंडोज वेलकम स्क्रीन के स्थान पर अपनी इमेज दिखा सकते हैं इसके लिए आप इस विधि का प्रयोग कर सकते हैं !
प्रथम चरण : सबसे पहले अपनी इमेज या बालपेपर तैयार करें जिसे आप वेलकम स्क्रीन पर दिखाना चाहते हैं इसे आप माइक्रोसाफ्ट पेंट या फोटोशोप कि सहायता से भी बना सकते हैं पर याद रखें इसे आप केवल बिटमैप इमेज फ़ाइल फॉर्मेट (.bmp) में ही सेव करेंगे तथा फ़ाइल का साइज (Resolution) कम से कम 800*600 रखेंगे।
द्वितीय चरण : रन कमांड खोलें "regedit" टाइप करके enter दबाएँ (अब रजिस्ट्री एडिटर आपके सामने होगा)
अब रजिस्ट्री एडिटर में इस लोकेशन तक पहुंचे -
HKEY_USERS ; DEFAULT ; Control Panel ; Desktop
अब यहाँ Desktop के अन्दर आपको एक वैल्यू मिलेगी "wallpaper" , इस वैल्यू पर डबल क्लिक करके अपनी इमेज का पता यहाँ लिखें (Eg: C:\Wallpaper\xyz.bmp)
(नोट : अगर यहाँ आपको बालपेपर नाम की कोई वैल्यू नहीं मिलती है तो आपको wallpaper नाम की नयी स्ट्रिंग वैल्यू बनानी पड़ेगी और उसके name में बालपेपर का पता लिखना पड़ेगा)
तृतीय चरण : अंत में अब अपने कंप्यूटर को रिस्टार्ट करें, आपकी आँखों के सामने बूटिंग के दौरान आपके द्वारा बनाया हुआ बालपेपर दिखायी देगा।
सोमवार, 19 नवंबर 2012
टूल बार में अपना नाम लिखे
टूल बार में अपना नाम लिखने के लिये यहाँ जाएँ
1. Start
2. Control Panel
3. Regional and Language Options
4. Customize
5. Time
6. AM Symbol / PM Symbol
AM Symbol और PM Symbol को एडिट करें जैसे AM - के आगे LUCKY लिखे और इसके नीचे PM - के आगे भी LUCKY लिखे
उदाहरण : AM - LUCKY
7.Apply कर दें एक और मजेदार बात है कि आप AM के जगह आप कोई और नाम और PM के जगह कोई और नाम लिखते हैं तो दिन में कोई और नाम और रात को कोई और नाम डिस्पले होगा
शनिवार, 17 नवंबर 2012
इन्टरनेट पर अपना फैमिली ट्री मुफ्त में बनाये
अगर आप एक फॅमिली ट्री बनाना चाहते हैं और अपने परिवार के बारे में और जानना चाहते हैं , आप Myheritage को काफ़ी पसंद करेंगे.
Kindo.com आने वाली पीढियों के लिए मुफ्त फैमिली ट्री बनाता है
अब
एक फैमिली ट्री सिर्फ़ आपको अपने दादा दादी के घर की दीवार पर ही नहीं
मिलेगा. kindo पर आप अपना मुफ्त ऑनलाइन फैमिली ट्री बना सकते है,इसके
द्वारा आप अपने परिवार के साथ चर्चा कर सकते हैं ,अपने बारे में, अपने
पूर्वजों और अपने परिवार के इतिहास के बारे में बहुत कुछ जान सकते हैं |
Kindo के पास परिवार और जिनोलोजिस्ट के लिए बहुत सारी मनोरंजक विशेषताएं
हैं जो इस नेटवर्किंग साईट को पीढियों के लिए एक चर्चा का स्थान बनाता है |
Kindo में परिवार मिलते हैं, अपना फैमिली ट्री बनाते हैं और बढ़ते हैं |
नई पीड़ी का फैमिली ट्री स्थिर नहीं है, परन्तु ये सभी उम्र के उपयोगकर्ताओं के लिए एक ऐसा मध्यम है जिससे वो जानकारी प्राप्त करते हैं , अपने परिवार के सम्पर्क में रहते हैं | Kindo की विशेषता उसका है जो आप फैमिली ट्री बनाते हैं और अपने परिवार के सदस्यों को आमंत्रित करते हैं , जैसे की बाकी नेटवर्किंग साईटस करती हैं ,आपका ख़ुद का प्रोफाइल होगा जो सिर्फ़ आपके परिवार के सदस्य ही देख सकेंगे |
Kindo के पीछे जो सोच है वो २००७ के शुरू में ही जन्मी थी | Kindo टीम के सदस्य परिवार के साथ छुट्टियों पर थे और लंदन वापिस पहुंचे, सभी एक साथ काफ़ी पीते हुए चर्चा कर रहे थे की लंदन पहुंचकर अपने परिवार के सम्पर्क में रहना कितना मुश्किल है | इसलिए Kindo ने इसका हल निकालने की कोशिश की, घर बैठे लोगों के लिए एक दूसरे से सम्पर्क में रहना आसान किया और अभी बहुत कुछ ढूँढा जा रहा है जो एक उपयोगकर्ता चाहता है|
Kindo.com का मुख्यालय लंदन मे है पर इसका ध्यान अंतर्राष्ट्रीय उपयोगकर्ताओं पर है | अपनी वेबसाइट को ग्यारह अलग अलग भाषाओं में उताकर इसने सभी देशों के परिवारों को जोड़ने का प्रयास किया है |
शुक्रवार, 16 नवंबर 2012
ज्यादा बेहतर कौन रजिस्टिव टच स्क्रीन या फिर कैपेसिटिव टच स्क्रीन ?
कैपेसिटिव टच स्क्रीन
रजिस्टिव टच स्क्रीन और कैपेसिटिव टच स्क्रीन
टच स्क्रीन का शौक सभी को होता है हो भी क्यों न आखिर टच स्क्रीन नए
जमाने की तकनीक है। पहले जहां केवल टच स्क्रीन फोन आते थे वहीं अब इसके दो
वर्जन बाजार में मौजूद है पहला रजिस्टिव टच स्क्रीन और दूसरा कैपेसिटिव
टच स्क्रीन, हो सकता है आप मे से कई लोग दोनों के बीच का अंतर जानते हों
लेकिन काफी लोगों को रजिस्टिव और कैपेसिटिव के बीच क्या अंतर है इसके
बारे में कोई जानकारी नहीं है। आज हम रजिस्टिव और
कैपेसिटिव टच स्क्रीन में क्या अंतर है और इनमें से कौन सी स्क्रीन
ज्यादा बेहतर है इससे जुड़ी सभी जानकारियों के बारे में बात करेगे
रजिस्टिव टच स्क्रीन शुरुआती फोन में सबसे पहले आई थी इसलिए कैपेसिटिव
के मुकाबले ये पुरानी हो चुकी है। रजिस्टिव टच स्क्रीन में कई सारी लेयर
होती हैं हम जब रजिस्टिव स्क्रीन में टच करते हैं तो पहली वाली लेयर
दूसरी लेयर में दवाब डालती है और दूसरी वाली तीसरी लेयर में इस तरह से एक
के बाद एक टच ट्रांसफर होता है लेकिन कैपेसिटिव टच स्क्रीन के काम करने का
तरीका बिल्कुल अलग है।
कैपेसिटिव टच स्क्रीन में कई लेयर की जगह इलेक्ट्रोड काम करते हैं जो
स्क्रीन के सेंस को कैच करते हैं। जैसे ही आप स्क्रीन में अपनी फिंगर
लगाते है वहां के इलेक्ट्रोड एक्टिव हो जाते हैं।
कौन सी स्क्रीन वाला फोन ज्यादा बेहतर
रजिस्टिव के मुकाबले कैपेसिटिव स्क्रीन फोन खरीदें क्योंकि ये
ज्यादा बेहतर तरीके से काम करती है वैसे बाजार में इस समय कई कैपेसिटिव
स्क्रीन स्मार्टफोन उपलब्ध है ।
hindi gizbot
Android phones
Mobile Phones | Touchscreen Type |
HTC Tattoo | Resisitive |
HTC Hero | Capacitive |
HTC Magic | Capacitive |
Motorola Milestone | Capacitive |
Mobile Phones | Touchscreen Type |
Apple iPhone 3G | Capacitive |
Apple iPhone 3GS | Capacitive |
Mobile Phones | Touchscreen Type |
Samsung Omnia HD | Capacitive |
Sony Ericsson Satio | Resistive |
Nokia N97 | Resistive |
Nokia N97 Mini | Resistive |
Nokia 5800 XpressMusic | Resistive |
Mobile Phones | Touchscreen Type |
Samsung Omnia Pro | Resistive |
HTC HD2 | Capacitive |
Sony Ericsson Xperia X2 | Resistive |
Mobile Phones | Touchscreen Type |
LG KS360 | Resistive |
LG Renoir KC910 | Resisitive |
LG Cookie | Resistive |
LG Crystal | Capacitive |
LG Viewty Smart | Capacitive |
Samsung Jet | Resistive |
Samsung Tocco Lite | Resistive |
Samsung Corby | Capacitive |
know your mobile
बुधवार, 14 नवंबर 2012
करंट रिज़र्वेशन की स्थिति देखे
इंडियन रेलवे द्वारा सभी श्रेणियों के लिए, नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली, हजरत निजामुद्दीन, आनंद विहार और सराय रोहिल्ला स्टेशनों से शुरू होने वाली ट्रेनों में रिज़र्वेशन चार्ट बनने के बाद उपलब्ध खाली सीटों की स्थिति बताने की व्यवस्था शुरू की गई है. जिसे संबंधित स्टेशन का चुनाव कर हिंदी या अंग्रेजी में देखा जा सकता है.
दरअसल लोग चार्ट तैयार होने के बाद मान लेते हैं कि अब उस ट्रेन में आरक्षण का कोई मौक़ा नहीं है। आम तौर पर रिजर्वेशन चार्ट ट्रेन के रवाना होने से चार घंटे पहले तैयार होता है। इसके बाद भी यदि करंट सीटों की स्थिति ऑनलाइन पता चल जाए तो लोग समय पर स्टेशन जाकर सीट बुक करा सकते हैं। इससे चलती ट्रेन में टीटीई की मनमानी पर लगाम लग सकती है.
bspabla
मंगलवार, 13 नवंबर 2012
भगवान् विश्वकर्मा जी की आरती
पहले इंजीनियर , वास्तुविद ,मिस्त्री .कारीगर - भगवान् विश्वकर्मा
प्राचीन ग्रंथो उपनिषद एवं पुराण आदि का अवलोकन करें तो पायेगें कि आदि काल से ही विश्वकर्मा शिल्पी अपने विशिष्ट ज्ञान एवं विज्ञान के कारण ही न मात्र मानवों अपितु देवगणों द्वारा भी पूजित और वंदित है!
भगवान
विश्वकर्मा के आविष्कार एवं निर्माण कोर्यों के सन्दर्भ में इन्द्रपुरी,
यमपुरी, वरुणपुरी, कुबेरपुरी, पाण्डवपुरी, सुदामापुरी, शिवमण्डलपुरी आदि का
निर्माण इनके द्वारा किया गया है । पुष्पक विमान का निर्माण तथा सभी देवों
के भवन और उनके दैनिक उपयोगी होनेवाले वस्तुएं भी इनके द्वारा ही बनाया
गया है । कर्ण का कुण्डल, विष्णु भगवान का सुदर्शन चक्र, शंकर भगवान का
त्रिशुल और यमराज का कालदण्ड इत्यादि वस्तुओं का निर्माण भगवान विश्वकर्मा
ने ही किया है । ये "शिल्पशास्त्र" के आविष्कर्ता हैं। पुराणानुसार यह
प्रभास वसु के पुत्र हैं। "महाभारत" में इन्हें लावण्यमयी के गर्भ से जन्मा
बताया है। विश्वकर्मा रचना के पति हैं। देवताओं के विमान भी विश्वकर्मा
बनाते हैं। इन्हें अमर भी कहते हैं।
"रामायण" के अनुसार विश्वकर्मा ने
राक्षसों के लिए लंका की सृष्टि की। सूर्य की पत्नी संज्ञा इन्हीं की
पुत्री थी। सूर्य के ताप को संज्ञा सहन नहीं कर सकी, तब विश्वकर्मा ने
सूर्य तेज का आठवां अंश काट उससे चक्र, वज्र आदि शस्त्र बनाकर देवताओं को
प्रदान किए ! विष्णुपुराण के पहले अंश में विश्वकर्मा को देवताओं का वर्धकी
या देव-बढ़ई कहा गया है तथा शिल्पावतार के रूप में सम्मान योग्य बताया गया
है। यही मान्यता अनेक पुराणों में आई है, जबकि शिल्प के ग्रंथों में वह
सृष्टिकर्ता भी कहे गए हैं। स्कंदपुराण में उन्हें देवायतनों का सृष्टा कहा
गया है। कहा जाता है कि वह शिल्प के इतने ज्ञाता थे कि जल पर चल सकने
योग्य खड़ाऊ तैयार करने में समर्थ थे।
विश्व के सबसे पहले तकनीकी ग्रंथ विश्वकर्मीय ग्रंथ ही माने गए हैं।
विश्वकर्मीयम ग्रंथ इनमें बहुत प्राचीन माना गया है, जिसमें न केवल
वास्तुविद्या, बल्कि रथादि वाहन व रत्नों पर विमर्श है। विश्वकर्माप्रकाश,
जिसे वास्तुतंत्र भी कहा गया है, विश्वकर्मा के मतों का जीवंत ग्रंथ है।
इसमें मानव और देववास्तु विद्या को गणित के कई सूत्रों के साथ बताया गया
है, ये सब प्रामाणिक और प्रासंगिक हैं। मेवाड़ में लिखे गए अपराजितपृच्छा
में अपराजित के प्रश्नों पर विश्वकर्मा द्वारा दिए उत्तर लगभग साढ़े सात
हज़ार श्लोकों में दिए गए हैं। संयोग से यह ग्रंथ 239 सूत्रों तक ही मिल
पाया है।
शिल्प
संकायो, कारखानो, उधोगों मे भगवान विश्वकर्मा की महत्ता को मानते हुए
दीपावली के अगले दिन सभी औजारो के साथ भगवान विश्वकर्मा जी की आरती ओर पूजा
की जाती है !
भगवान विश्वकर्मा जी की आरती
भगवान विश्वकर्मा जी की आरती का वीडियो
जानिए ट्रेन किस प्लेटफार्म से रवाना हो रही है या आने वाली है
आपकी ट्रेन किस प्लेटफार्म से रवाना हो रही है या आने वाली है, इसकी ताज़ा जानकारी भी अब रेलवे ने इंटरनेट पर देनी शुरू कर दी है !
फिलहाल यह सुविधा राजधानी दिल्ली के तीन बड़े स्टेशनों नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली और हजरत निजामुद्दीन स्टेशनों से गुजरने वाली रेल गाड़ियों के लिए है जिसे ज़ल्द ही अन्य स्थानों के लिए शुरू किया जा रहा है. इंटरनेट वाले मोबाइल पर भी यह सुविधा ली जा सकती है।
bspabla
श्री गणेशजी की आरती
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥ जय गणेश...
एकदन्त दयावन्त चार भुजा धारी।
माथे सिन्दूर सोहे मूसे की सवारी ॥ जय...
अन्धन को आँख देत, कोढ़िन को काया।
बाँझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥ जय...
हार चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा ॥ जय...
दीनन की लाज रखो, शम्भु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जाऊँ बलीहारी॥ जय...
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥ जय गणेश...
एकदन्त दयावन्त चार भुजा धारी।
माथे सिन्दूर सोहे मूसे की सवारी ॥ जय...
अन्धन को आँख देत, कोढ़िन को काया।
बाँझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥ जय...
हार चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा ॥ जय...
दीनन की लाज रखो, शम्भु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जाऊँ बलीहारी॥ जय...
श्री गणेशजी की आरती का वीडियो
सोमवार, 12 नवंबर 2012
श्री लक्ष्मी जी की आरती
असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक तथा अंधेरों पर उजालों की छटा बिखेरने वाली हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या के दिन पूरे भारतवर्ष में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है. इसे रोशनी का पर्व भी कहा जाता है. दीपावली त्यौहार हिन्दुओं के अलावा सिख, बौध तथा जैन धर्म के लोगों द्वारा भी हर्षोल्लास पूर्वक मनाया जाता है. यूं तो इस महापर्व के पीछे सभी धर्मों की अलग-अलग मान्यताएं हैं, परन्तु हिन्दू धर्म ग्रन्थ में वर्णित कथाओं के अनुसार दीपावली का यह पावन त्यौहार मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के 14 वर्ष के बाद बनवास के बाद अपने राज्य में वापस लौटने की स्मृति में मनाया जाता है. इस प्रकाशोत्सव को सत्य की जीत व आध्यात्मिक अज्ञानता को दूर करने का प्रतीक भी माना जाता है.
परम्पराओं का त्यौहार
दीपावली में मां लक्ष्मी व गणेश के साथ मां सरस्वती की पूजा भी की जाती है.
चूंकि गणेश पूजन के बिना कोई भी पूजा अधूरी मानी जाती है, इसलिए लक्ष्मी
के साथ विघ्नहर्ता का पूजन भी किया जाता है और धन व सिद्धि के साथ ज्ञान भी
पूजनीय है, इसलिए ज्ञान की देवी मां सरस्वती की भी पूजा होती है. इस दिन
दीपकों की पूजा का विशेष महत्व होता है, इसलिए भक्तों को चाहिए कि वह दो
थालों में 6 चौमुखे दीपक को रखें और फिर उन थालों को 26 छोटे-छोटे दीपक से
सजाएं.
ऐसा विश्वास किया जाता है कि इस दिन यदि कोई श्रद्धापूर्वक मां
लक्ष्मी की पूजा करता है तो, उसके घर में कभी भी दरिद्रता का वास नहीं होता
और वह सदा ही अन्न, धन, धान्य व वैभव से संपन्न रहता है. दीपावली का पर्व
समाज में उल्लास, भाई-चारे व प्रेम का सन्देश फैलता है !
श्री लक्ष्मी जी की आरती
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवत
हर विष्णु विधाता, ॐ जय लक्ष्मी माता ॥
तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवत
हर विष्णु विधाता, ॐ जय लक्ष्मी माता ॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता ।
सूर्य चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता ॥
दुर्गा रुप निरंजनि, सुख-सम्पत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्घि-सिद्घि धन पाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता ॥
तुम पाताल निवासनी, तुम ही शुभदाता ।
कर्म प्रभाव प्रकाशिनि, भवनिधि की त्राता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता ॥
जिस घर में तुम रहती, सब सद्गुण आता ।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता ॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र ना हो पाता ।
खान पान का वैभव, सब तुमसे आता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता ॥
शुभ-गुण मंदिर सुन्दर, क्षीरोनधि-जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता ॥
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता ।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवत
हर विष्णु विधाता, ॐ जय लक्ष्मी माता ॥
श्री लक्ष्मी जी की आरती का वीडियो
रविवार, 11 नवंबर 2012
आकाश ओर यूबीस्लेट 7 का बुकिंग स्टेटस जानिए
क्या आपने भी आकाश या यूबीस्लेट 7 की बुकिंग की है? ओर वो अभी तक आपके पास नही आया तो आप जानिए की वो आपके पास कब आएगा ! आकाश ओर यूबीस्लेट 7 का बुकिंग स्टेटस जानने के लिए यहा क्लिक करे!
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