बुधवार, 20 अगस्त 2014

अपने रेल टिकट की भाषा को जानिए




यह लेख  नवभारत टाइम्स की वेबसाइट से लिया गया है इसमें लिखी हर जानकारी बहुत ही महत्वपूर्ण है ,  यह जानकारी और भी लोगो तक पहुचे यही मेरी कोशिश है ( नोट: इस लेख की हर लाइन हूबहू लिखी गई है )

रेल यात्रा के दौरान हमारी नजर अगर किसी चीज पर कम जाती है तो वह है हमारा रेल टिकट, लेकिन टिकट पर लिखी हर बात का मतलब आपको पता होना बहुत जरूरी है। रेल टिकट पर लिखी कोड भाषा का मतलब समझा रहे हैं अमित मिश्रा...

कितनी तरह के रिजर्वेशन
यह जानना दिलचस्प है कि भारतीय रेल में रिजर्वेशन कितनी तरह का होता है। इस समय भारतीय रेल में आप तीन तरह से रिजर्वेशन पा सकते हैं :


- टिकट विंडो पर जाकर पारंपरिक तरीके से रिजर्वेशन
- ऑनलाइन ई-रिजर्वेशन 
- ऑनलाइन आई-रिजर्वेशन

E और I टिकट
आजकल ई-टिकट यानी इलेक्ट्रॉनिक टिकट का जमाना है। हर कोई टिकट रिजर्वेशन के लिए कंप्यूटर का इस्तेमाल कर रहा है। यहां रिजर्वेशन के दो ऑप्शन हैं। ई-रिजवेर्शन और आई-रिजर्वेशन। भले ही दोनों रिजर्वेशन घर बैठे कंप्यूटर से कराए जाते हैं लेकिन इनमें कुछ अंतर भी हैं।


- अगर आप फिजिकल टिकट चाहते हैं और टिकट विंडो पर जाने से भी बचना चाहते हैं तो आपको आई-टिकट लेना चाहिए। इस टिकट के साथ यात्रा करने पर आपको कोई आईडी प्रूफ दिखाने की जरूरत नहीं है।


ई-टिकट के साथ अगर यात्रा कर रहे हैं तो यात्रा के दौरान आपके पास आईडी प्रूफ होना चाहिए।

- आई-टिकट दिए गए पते पर पोस्ट से पहुंचता है। आई-टिकट के लिए यात्रा से तीन दिन पहले बुकिंग करवानी पड़ेगी जबकि ई-टिकट यात्रा के कुछ घंटों पहले भी लिया जा सकता है।


- आई-टिकट के लिए आपको डाक खर्च भी भरना पड़ेगा जबकि ई-टिकट में आपका काम प्रिंटआउट या एसएमएस से भी चल सकता है।


- ई-टिकट के कई प्रिंट निकाले जा सकते हैं। आई-टिकट दोबारा लेने के लिए आपको फिर से चार्ज देना होगा। दोबारा आई-टिकट पाने के लिए आपको अपना पीएनआर नंबर भी याद होना चाहिए।


पैसेंजर की पहचान PNR
 

टिकट खिड़की से लिए गए पारंपरिक रिजर्वेशन टिकट के लेफ्ट साइड में ऊपर की ओर यह नंबर होता है। यह नंबर यूनीक होता है और इसे पैसेंजर नेम रेकॉर्ड नंबर कहा जाता है। यह टिकट आपका ही है और इस पर आप ही सफर कर रहे हैं इसका पता इस नंबर से ही चलता है। रेल का टिकट चूंकि नॉन ट्रांस्फरेबल होता है इसलिए आपके टिकट पर कोई और सफर करने का अधिकारी नहीं है। इस लिहाज से यह नंबर रेलवे और आपके दोनों के लिए ही बहुत महत्वपूर्ण है। इंटरनेट या फोन, किसी भी माध्यम से अपने टिकट पर यात्रा की जानकारी आपके पीएनआर नंबर के जरिए ही मिलेगी। अच्छा होगा कि सफर की शुरुआत से पहले अपने पीएनआर नंबर को कहीं लिख लें या मोबाइल में सेव कर लें क्योंकि टिकट खो जाने की हालत में यही आपकी मदद करेगा। पीएनआर नंबर की मदद से आप ट्रेन नंबर, ट्रेन का नाम, डेस्टिनेशन की जानकारी, सफर का क्लास, टिकट का स्टेटस, पैसेंजर कोच और सीट नंबर का पता कर सकते हैं।
 
रूट की जन्म कुंडली 'ट्रेन नंबर'
 

रिजर्वेशन टिकट पर जो दूसरा महत्वपूर्ण नंबर नजर आता है, वह है ट्रेन नंबर। ऐसा नहीं है कि यह नंबर बस ऐसे ही लिख दिया गया है। इस नंबर में ही आपकी ट्रेन के रूट के राज छुपे हैं। ट्रेन नंबर 5 डिजिट का होता है और इसका हर नंबर कुछ न कुछ कहता है। पहला नंबर यह बताता है कि जिस ट्रेन में आप सफर कर रहे हैं, वह किस तरह की पैसेंजर ट्रेन है। आपको थोड़ा आइडिया देते हैं- अगर आपके रिजर्वेशन टिकट पर लिखे ट्रेन नंबर की पहली डिजिट 0 है तो आप समर स्पेशल, हॉलिडे स्पेशल या अन्य स्पेशल ट्रेन में सफर करने वाले हैं। अगर पहली डिजिट 1 या 2 है तो लंबी दूरी की ट्रेन है जिसमें राजधानी और शताब्दी जैसी ट्रेनें भी शामिल हैं। 3 नंबर से शुरू होने वाले ट्रेन नंबर कोलकाता की लोकल ट्रेनों का होता है। 4 नंबर से शुरू होने वाला ट्रेन नंबर दिल्ली, चेन्नै, सिकंदराबाद जैसे मेट्रो शहरों की रेल सेवाओं का होता है। 5 नंबर परंपरागत तरीके की ट्रेनों का होता है। 6 नंबर से शुरू होने वाली ट्रेनें मेमू होती हैं और 7 नंबर से शुरू होने वाली डेमू। हाल ही में रिजर्व की गई ट्रेन का नंबर 8 होता है और 9 नंबर से शुरू होने वाली ट्रेन मुंबई लोकल की होती हैं। इसी तरह आगे के चार और डिजिट भी अलग-अलग तरीके से ट्रेन के बारे में पूरी जानकारी देते हैं। भारतीय रेलवे के एक्सपर्ट ट्रेन नंबर देख कर ही ट्रेन के रूट की पूरी जानकारी दे सकते हैं।

इसके अलावा, रिजर्वेशन टिकट पर आसानी से समझ में आने वाली जानकारी, जैसे यात्रा की दूरी, तारीख और एडल्ट और बच्चों की जानकारी आपको आसानी से समझ में आ जाएगी। इसके अलावा टिकट का एक नंबर होता है जिससे जरूरत पड़ने पर यह पता लगाया जा सकता है कि यह कहां से लिया गया है। ई-रिजर्व टिकट पर आपको टिकट नंबर की जगह ट्रांजैक्शन नंबर मिलेगा। इसके नीचे आपको आपकी जर्नी के क्लास और आने-जाने की जगह का नाम मिलेगा। ई-टिकट पर तो आपको अपना फोन नंबर और पता लिखने का ऑप्शन भी मिलता है जो प्रिंटआउट में साफ दिखता है। अगर आपका टिकट कंफर्म है तब तो चिंता नहीं है लेकिन अगर कहीं वेटिंग का चक्कर है तो आपको रेलवे की अंग्रेजी की पाठशाला फिर से जॉइन करनी पड़ेगी।

WL का चक्कर : अपने टिकट कंफर्म न होने की टेंशन आपको होगी ही, साथ ही शॉर्ट फॉर्म में लिखे अंग्रेजी के कुछ अक्षर आपकी धड़कनें और बढ़ाएंगे। आइए नजर डालते हैं वेटिंग लिस्ट के कुछ ऐसे ही शॉर्ट फॉर्म्स पर और उनके मतलब पर...

RLWL: इसका मतलब है रिमोट लोकेशन वेटिंग लिस्ट। अगर दो बड़े स्टेशनों के बीच का कोई ऐसा स्टेशन है जहां से ज्यादा ट्रेनें मौजूद नहीं हैं तो वहां के यात्री को किसी कैंसलेशन की स्थिति में पहले सीट दी जाएगी। अगर इस तरह की वेटिंग लिस्ट ज्यादा भी है फिर भी सीट मिलने के चांस ज्यादा होते हैं।

PQWL: कई छोटे स्टेशनों को जरूरत के हिसाब से कोटे में कुछ सीटें दी जाती हैं। अगर इन स्टेशनों से आप अपनी यात्रा शुरू कर रहे हैं और आपका टिकट वेटिंग में है तो आप पूल्ड कोटा वेटिंग लिस्ट में आते हैं। इसका मतलब है कि पूल्ड कोटे के सारे टिकट रिजर्व हो चुके हैं और आप उस कोटे में वेटिंग लिस्ट में हैं।

CKWL : जब आप तत्काल कोटे में टिकट लेते हैं और आपकी टिकट वेटिंग में होती है तो इसे करंट कोटा वेटिंग लिस्ट में रखा जाता है। आमतौर पर इस तरह की वेटिंग लिस्ट 10 तक होने पर कंफर्म हो जाती है।

RQWL : इसे रिक्वेस्ट वेटिंग लिस्ट कहते हैं। अगर रूट में कोई पूल्ड कोटा नहीं है तो इस तरह की वेटिंग लिस्ट को बनाया जाता है।

कोटे तेरे कितने नाम
हर ट्रेन में कई तरह के रिजर्वेशन कोटे भी होते हैं जिनका शॉर्ट फॉर्म जनाना भी आपके काम आ सकता है।

LD : लेडीज कोटा
HQ: हाई ऑफिशल या हेडक्वॉर्टर कोटा
DF: डिफेंस कोटा
OS: आउट स्टेशन कोटा
RS: रोड साइड कोटा, बड़े स्टेशनों के बीच के ऐसे स्टेशन जो कंप्यूटराइज्ड नेटवर्क से न जुडे़ हों तब उन्हें रोड साइड कोटे में रख कर टिकट रिजर्व किए जाते हैं। इनमें वेटिंग लिस्ट भी होती है।
PH: पार्लियामेंट हाउस कोटा
FT: फॉरेन टूरिस्ट कोटा
DP: ड्यूटी पास कोटा
HP: हैंडिकैप कोटा
SS: सीनियर सिटीजन कोटा

UP-DOWN को भी समझें
जिस स्टेशन से ट्रेन शुरू होती है और अपने डेस्टिनेशन की तरफ जाती है तो वह अप ट्रेन कहलाती है। वापस आने की यात्रा को डाउन जर्नी कहते हैं। अगर कोई ट्रेन दिल्ली से अहमदाबाद के लिए शुरू हो रही है तो इसे अहमदाबाद की ओर अप ट्रेन कहेंगे जब यह वापस आएगी तो इसे अहमदाबाद से डाउन कहेंगे। डाउन ट्रेन का नंबर अप से एक ज्यादा रहता है। जैसे अगर अप ट्रेन का नंबर 20145 है तो डाउन का नंबर 20146 होगा।

सीट भी जान लें
अगर टिकट कंफर्म है तो सीट नंबर के अलावा टिकट देखकर आप उसकी पोजिशन भी जान सकते हैं। अगर आपकी बर्थ नंबर के सामने LB लिखा है तो इसका मतलब है लोअर यानी नीचे वाली बर्थ, अगर लिखा है MB तो इसका मतलब मिडल बर्थ, UB का स्वाभाविक मतलब है अपर बर्थ। इसके अलावा, अगर SU और SL लिखा है तो इसका मतलब साइड अपर और साइड लोअर बर्थ है। रेलवे सीनियर सिटिजन के लिए लोवर सीट ही देने की कोशिश करता है, बशर्ते ऐसी सीट उपलब्ध हो। ऑनलाइन रिजर्वेशन करवाने पर उपलब्धता के हिसाब से आप खुद ही सीट चुन सकते हैं।

रेलवे हेल्पलाइन की मदद लें
दिल्ली डिविजन के डिविजनल रेलवे मैनेजर (डीआरएम) ए. के. सचान ने रेल यात्रियों के रिजर्वेशन से जुड़े सवालों के जवाब दिए...

क्या कोई ऐसा नंबर है जहां जाकर टिकट संबंधी परेशानी को लेकर बात की जा सके?

लोगों को अगर स्टेशन पर कोई परेशानी हो तो स्टेशन मास्टर से संपर्क किया जा सकता है। कंफ्यूजन की स्थिति में यात्री रेलवे की वेबसाइट http://www.indianrail.gov.in/ और http://www.nr.indianrailways.gov.in पर जा सकते हैं। टिकटिंग को लेकर कोई अलग हेल्पलाइन तो नहीं है लेकिन कई तरह की और रेलवे हेल्पलाइन्स मदद कर सकती हैं। हमारी 9717630982 हेल्पलाइन भी मददगार हो सकती है। किसी परेशानी की शिकायत से ही हमें स्थिति सुधारने में मदद मिलेगी।

क्या ऑनलाइन रिजर्वेशन से टिकट खिड़कियों पर दबाव कुछ कम हुआ है जिससे जरूरत पड़ने पर लोग वहां भी जाकर रिजर्वेशन करवा सकें?
जी हां। ऐसा हुआ है और हम लगातार कोशिश कर रहे हैं कि जिनके पास सुविधा है, वे घर बैठे ही रिजर्वेशन करवा सकें। अगर पास ही रेलवे रिजर्वेशन विंडो है तो जरूरत पड़ने पर इसका फायदा भी उठाया जा सकता है।

आने वाले दिनों में रेलवे रिजर्वेशन सिस्टम में किस तरह के सुधार लाने की कोशिश कर रहा है?
हमारी पहली कोशिश यही है कि हम आईआरसीटीसी के साथ मिलकर सिस्टम को अधिक से अधिक लोगों के लिए रिजर्वेशन करवाने लायक बना सकें। रेलवे को लगातार सर्वर की शिकायतें मिलती हैं। जल्द ही इसमें सुधार के आसार हैं।

रिजर्वेशन को लेकर क्या आम आदमी रेलवे को कोई सुझाव दे सकता है?
हां। हमारा फेसबुक पेज है जहां दिए गए सुझावों पर हम हमेशा गौर करते हैं। इसके अलावा नॉर्दर्न रेलवे की साइट पर जाकर भी फीडबैक और सुझाव दिए जा सकते हैं। फेसबुक पेज यह है : http://www.facebook.com/pages/delhi-division-northern-railway/157913344263788

रिजर्वेशन करवाने वालों के लिए कोई सुझाव?
हमेशा ऑफिशल वेंडर से ही टिकट खरीदें और दूसरों के टिकट पर यात्रा न करें। ऐसा करने पर परेशानियां आपको ही उठानी पड़ेगी।

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शनिवार, 14 जून 2014

इंटरनेट की गति के लिए DNS बदलें और DNS Cache हटाएँ



इंटरनेट की गति केवल उसके प्लान पर निर्भर नहीं रहती. कंप्यूटर पर इसके बहुत से कारक हैं जो इसे बढ़ा सकते हैं. आइए देखा जाए कुछ आवश्यक तकनीकी उपायों को भी.


विश्वसनीयता और गति के लिए DNS बदलें :

 
ब्रॉडबैंड देने वाली कंपनी कोई भी हो, सुरक्षित – भरोसेमंद – ज्यादा तेज गति के लिए कंप्यूटर के लोकल एरिया कनेक्शन या वायरलेस नेटवर्क कनेक्शन में Preffered या Primary DNS सर्वर, 8.8.8.8 और Alternate DNS सर्वर, 8.8.4.4 होना चाहिए. यह सेवा गूगल द्वारा मुफ्त उपलब्ध करवाई जा रही है.

आम तौर पर उपरोक्त DNS, IPv4 वाले कम्प्यूटर्स के लिए है अगर आप विशेष तौर पर IPv6 के DNS बदलना चाहते हैं तो क्रमश: 2001:4860:4860::8888 और 2001:4860:4860::8844 का प्रयोग करें.

वैसे तो यह काम खुद ही करना चाहिए, लेकिन ‘झंझट’ से मुक्ति पाने का सरल तरीका है कि इस लिंक पर क्लिक कर एक छोटा सा सॉफ्टवेयर डाउनलोड करें. उसे क्लिक करें, Switch to Google DNS बटन पर क्लिक करें.


DNS Cache हटाएँ :

 
जो साइट्स आपने, अपने कंप्यूटर पर खोली है, दुबारा खोलने पर वो जल्दी खुल जाएँ इसलिए DNS cache को ऑपरेटिंग सिस्टम स्वतः ही इकट्ठा करता रहता है.

समय-समय पर इसे हटाना बहुत जरुरी है।

इसका साधारण तरीका है -

अपने कीबोर्ड से Window Key के साथ R दबाएँ, 



 सामने आए बॉक्स में टाइप करें CMD और OK करें



जो कमांड प्रॉम्प्ट खुलेगा, इसमें टाइप करें ipconfig /flushdns और ENTER Key दबा दें. 



फिर वहीँ Exit लिख, ENTER दबा बाहर हो जाएँ



इस तरह के कुछ उपायों को करके इंटरनेट की गति को बढ़ाया जा सकता है !

bspabla

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मंगलवार, 27 मई 2014

डिश टीवी और डीडी फ्री डिश देखने वालों के लिए खुशखबरी


डिश टीवी और डीडी फ्री डिश देखने वाले अब श्री लंका और पाकिस्तान के लगभग 24 चैनल देख सकेंगे और वह भी फ्री में यानि इन चैनलों का कोई भी चार्ज अलग से नहीं देना होगा  बस आपको अपने सेटअप बॉक्स में ट्रांसपोंडर (TP) भर कर सर्च का बटन दबाना है और कुछ ही मिनटों  में आप इन दोनों देशो के चैनल का मज़ा ले सकते है!
आपको सिर्फ यही करना है 

डिश टीवी देखने वाले दर्शक
1. कोई भी चैनल को स्लेक्ट करे अब MENU  बटन को 8 सेकेण्ड  तक दबा कर रखे

2. HOME  FREQUENCY ऑप्शन पर जाये

3. अब  9523 कॉर्ड नंबर ENTER करें 

4. HOME TP को एडिट करे जो इस प्रकार है 

(पहली फ्रीक्वेंसी)

FREQUENCY : 12170 Mhz
SYMBOL RATE : 40700
POLARIZATION : HORIZONTAL
FEC INNER : AUTO

(दूसरी फ्रीक्वेंसी)

FREQUENCY : 12110 Mhz
SYMBOL RATE : 40700
POLARIZATION : HORIZONTAL
FEC INNER : AUTO


5. और अब OK बटन को दब कर SETTING को SAVE कर दे

डी डी फ्री डिश देखने वाले दर्शक केवल सेटअप बॉक्स में सर्च के बटन को ही दबा कर इन चैनल को देख सकते है

Lucky Singh


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शनिवार, 5 अप्रैल 2014

Windows XP CDROM doesn't work - Device Manager shows Exclamation Point

 
 
Windows XP can have a problem where your CD-ROM, CD-RW, DVD-ROM, DVD-RW (any optical drive) does not show up as a drive letter, and Device Manager shows a yellow exclamation point.  (CDROM Device appears with a "!")
 
You've likely already tried the normal deletion of the device and a reboot, but with no fix.  The device comes back but still shows with a problem / error / fault status.
 
If you have extra hardware, you may have even replaced the drive thinking it was broken.  Or used a different brand thinking the drivers may be different.  Yet still none of these fixes work.
 
Here is one fix we've used often, and found fixed the problem with a simple registry edit and reboot:
 
 
1. Click Start, then Run 
2. Type: regedit 
3. Drill down the tree to the following registry key:

HKEY_LOCAL_MACHINE\SYSTEM\CurrentControlSet\Control\Class\{4D36E965-E325-11CE-BFC1-08002BE10318}
 
Note: There are a lot of keys starting with 4D36E... and ending with ...E10318, be careful to find the correct one.

4. Find the two Multi-String values named UpperFilters and LowerFilters and blank out their values.
 
Note: Don't delete the values or the key, just highlight the data and delete the contents.

 
5. Reboot.  After the reboot, you should have a drive letter assigned to your optical drive and Device Manager should no longer show a yellow exclamation point! 



www.jacksontechnical.com/article.htm?id=42
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गुरुवार, 27 मार्च 2014

ब्लॉग पर लगा ताला कैसे खोलें !


कभी-कभी हमें किसी ऐसे ब्लॉग से कोई लेखन सामग्री  पसंद आ जाती है जिस पर ताला लगा होता है और उसको हम कॉपी नहीं कर सकते पर इस छोटी सी ट्रिक से गूगल के किसी भी ब्लॉग से ताला खोल सकते है !

मान लीजिए एक ब्लॉग का नाम http://xyz.blogspot.com/ है
और इसकी ताजा पोस्ट है
http://xyz.blogspot.com/2014/03/blog-post.html

और यह मान लीजिये कि अभी इस
ब्लॉग कि पोस्ट को माउस द्वारा हाईलाईट कर, कॉपी कर कहीं और नहीं ले जाया सकता !

किंतु यदि एड्रेस बार में
http://xyz.blogspot.com/2014/03/blog-post.html के बदले 2014/03/blog-post.html हटा rss.xml लिख दिया जाए तो यह हो जाएगा http://xyz.blogspot.com/rss.xml और इंटर दबा दें.
 

और अब जो परिणाम सामने आएगा उसके बाद ब्लॉग कि पोस्ट को कॉपी किया जा सकता है

ऐसा हर गूगल ब्लॉग पर किया जा सकता है कोई बंधन नहीं

आभार  : blogmanch.com / bspabla
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शुक्रवार, 21 मार्च 2014

WhatsApp कंप्यूटर पर BlueStacks कि सहायता से

 
 
चरण 1: BlueStack डाउनलोड करे ( यह फ्री एप्लीकेशन है )


विंडोज के लिए BlueStacks यहाँ से डाउनलोड करें

चरण 2: फ़ाइल डाउनलोड होने के बाद इस एप्लीकेशन को डबल क्लिक करके इंस्टाल करे

चरण 3 : अब WhatsApp apk फ़ाइल डाउनलोड करें


आप यहाँ से WhatsApp APK डाउनलोड कर सकते है

चरण 4: फ़ाइल डाउनलोड होने के बाद WhatsApp APK को भी डबल क्लिक करके इंस्टाल करे

चरण 5 : अब WhatsApp आपके पीसी में स्थापित हो जाएगा .

चरण 6 : अब आप BlueStacks ओपन करे ( अपने Desktop में BlueStacks आइकन पर क्लिक करें )

चरण 7 : अब BlueStacks में >> My Apps पर क्लिक करें .

चरण 8 : अब आप WhatsApp >> Click on it पर जाये

चरण 9: और नियम व शर्त को स्वीकार करें .

चरण 10: फील्ड में अपना मोबाइल नंबर टाइप करें

नोट : सबसे पहले अपने मोबाइल नंबर में भारत के लिए 91 देश कोड टाइप करें और

चरण 11 : अब WhatsApp में अपने नंबर को सत्यापित करने की कोशिश करें, लेकिन यह संदेश असफल दिखाई देगा

चरण 12 : तब आप Call Me पर क्लिक करें. अब आप एक पुष्टिकरण संख्या के साथ एक स्वचालित कॉल प्राप्त करेंगे


चरण 13 : अब आपको एक नम्बर प्राप्त होगा उस नम्बर को आप सत्यापन फिल्ड में भरे और अपने पीसी पर WhatsApp का आनंद लें!
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