गुरुवार, 25 अक्तूबर 2012

LED टीवी और LCD टीवी में क्‍या अंतर है?


टीवी खरीदने से पहले एक बात पर हमेशा संशय बना रहता है कि कौन सा टीवी खरीदें, कभी लगता है बड़ा स्‍क्रीन साइज साइज ज्‍यादा बेहतर है तो कभी LED टीवी और LCD टीवी में अंतर नहीं समझ आता, अक्‍सर हम अपने पड़ोसी या फिर दुकानदार के कहने पर टीवी खरीद लेते है, मगर आज मैं आपको जानकारी दूंगा की एलसीडी और LED टीवी में क्‍या अंतर होता है ताकि अगली बार जब आप टीवी लेने जांए तो अपने बजट के अनुसार सहीं टीवी का चुनाव कर सकें।




एलसीडी टीवी- एलसीडी यानी लिक्‍विड क्रिस्‍टल डिस्‍प्‍ले (liquid crystal display), एलसीडी तकनीक में छोटे-छोटे लिक्‍विड सेल का प्रयोग किया जाता है जिनके बीच से लाइट गुजर कर एक पिक्‍चर क्रिएट करती है, एलसीडी डिस्‍प्‍ले में रेड, ग्रीन और ब्‍लू कलर का प्रयोग करते है, एलसीडी का प्रयोग मॉनिटर, टीवी, उपकरणों के पैनेल, तथा आम जिंदगी में प्रयोग होने वाले कई उपकरणों में किया जाता है। साधारण स्‍क्रीन के मुकाबले एलसीडी स्‍क्रीन हल्‍की और कम बिजली खपत करती है।




एलईडी टीवी- लिड यानी लिड बैकलिट डिस्‍प्‍ले (LED-backlit LCD display) यह एक तरीके का फ्लैट पैनल डिस्‍प्‍ले होता है लिड तकनीक का प्रयोग टीवी के अलावा नोटबुक, मोबाइल फोन, डीवीडी प्लेयर, वीडियो गेम और पी.डी.ए. आदि में किया जाता है। असल में लिड टेक्‍नालॉजी को एल.सी.डी. और सी.आर.टी तकनीक से कई गुना बेहतर माना जाता है, लिड बैकलिट डिस्‍प्‍ले कम उर्जा खपत तो करता ही है साथ में इसकी लाइफ भी अधिक होती है। लिड डिस्‍प्‍ले में कोल्‍ड कैथोड तकनीक पर काम करती है।
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एक ब्राउजर में कैसे ओपेन करें दो मेल एकाउंट



आप जब भी पीसी या फिर लैपटॉप में अपनी मेल ओपेन करते हैं तो उस समय उसी ब्राउजर में दूसरा एकाउंट ओपेन करने में काफी दिक्‍कत होती हैं। इसके लिए आपको पहला वाला एकाउंट लॉग ऑफ करना पड़ता है। दोस्‍तों आज हम आपको कुछ ऐसी टिप्‍स देंगे जिसकी मदद से आप एक पहला वाले एकाउंट का बिना लॉग ऑफ किए दूसरा एकाउंट ओपेन कर सकते हैं।

ब्राउजर में प्राइवेट ब्राउजिंग ऑन कर दें (Enable Private Browsing )

अगर आप एक साथ दो जीमेल एकाउंट ओपेन करना चाहते हैं तो ब्रांउजर सेटिंग में जाकर प्राइवेट ब्रांउजिंग को इनेबल कर दें। इससे आपके ब्राउजर में कुकीज सेव नहीं होंगी और एक साथ दो एकाउंट ओपेन हो जाएंगे। 



गूगल क्रोम में मेनू ऑप्‍शन पर क्लिक करें और New Incognito Window ऑप्‍शन पर क्लिक करें

फॉयरफॉक्‍स में प्राइवेट ब्राउजिंग ऑन करने के लिए


फायरफॉक्‍स ब्राउजर में प्राइवेट ब्राउजिंग करने के लिए स्‍टार्ट प्रावइवेट ब्राउजिंग में क्लिक करें।

ब्राउजर में दूसरी प्रोफाइल बना लें



आप चाहें तो अपने ब्राउजर में दूसरी प्रोफाइल बना सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले गूगल क्रोम के टॉप में दिए गए टैब पर क्लिक करें और न्‍यू यूजर ऑप्‍शन चुनें। 



फॉयरफाक्‍स में नई प्रोफाइल बनाने के लिए सबसे पहले प्रोफाइल मैनेजर में जाएं और क्रिएट प्रोफाइल ऑप्‍शन पर क्लिक कर नई प्रोफाइल बना लें। 
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गूगल प्‍लस एकाउंट में कैसे पोस्‍ट करें फोटो



ऑनलाइन सर्च इंजन गूगल ने इंटरनेट पर सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक को टक्कर देने के लिए ‘गूगल प्लस’ नाम आनलाइन नेटवर्किंग साइट ओपेन की थी जो अब भारत में भी कॉफी पॉपुलर हो चुकी है लेकिन अभी भी लोगों को गूगल प्‍लस में फेसबुक की तरह फोटो एड करना और उन्‍हें शेयर करना नहीं आता ऐसे में वे गूगल प्‍लस का पूरा प्रयोग नहीं कर पाते।

आज मैं आपको गूगल प्‍लस में फोटो पोस्‍ट और शेयर करने की आसान स्‍टेप बताउगा जिससे आप गूगल प्‍लस को और बेहतर तरीके से प्रयोग कर सकते हैं

स्‍टेप 1
सबसे पहले अपने गूगल एकाउंट में लॉगइन करें और गूगल प्‍लस ऑप्‍शन चुनें।

स्‍टेप 2
इसके बाद प्रोफाइल के ऊपर दिए गए पिक्‍चर टैब में क्लिक करें (जो लाल घेरे में है)




स्‍टेप 3
बॉक्‍स में क्लिक करते ही आपके सामने अपलोड फोटो का ऑप्‍शन आएगा जिसमें क्लिक करके आप अपने पीसी में सेव कोई भी फोटो अपलोड कर सकते हैं।





स्‍टेप 4
अगर आप फोटो को शेयर करना चाहते हैं तो उसे ओपेन करके जिस सर्किल में शेयर करना चाहते हैं उसे सलेक्‍ट करें और ग्रीन कलर के शेयर आइकॉन पर क्लिक कर दें।




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फेसबुक का एकाउंट कैसे करें डिएक्‍टीवेट



फेसबुक को डिएक्‍टीवेट और डिलीट करना दोनों में काफी अंतर है। अगर आप अपना एकाउंट डिलीट करते हैं तो उसे दुबारा प्रयोग नहीं कर सकते लेकिन अगर आप किसी कारण वश अपना एकाउंट डिएक्‍टिवेट करते हैं तो उसे दुबारा प्रयोग कर सकते हैं। इस लिए दोनों में कंफ्यूज न हो। फेसबुक एकाउंट डिएक्‍टीवेट करने के बाद आपके दोस्‍त उसमें कमेंट नहीं कर सकते है और न ही आपके एकाउंट को देख सकेंगे।

  • सबसे पहले अपने एकाउंट पर लॉगइन करें।
  • एकाउंट डिएक्‍टीवेट करने के लिए
  • सबसे पहले अपने एकाउंट के मेनू में जाइए
  • एकाउंट सेटिंग ऑप्‍शन सलेक्‍ट करिए
  • एकाउंट सेटिंग में जाकर डिएक्‍टिवेट योर एकाउट ऑप्‍शन पर क्लिक कर दीजिए।

जब आप अपना फेसबुक एकाउंट डिएक्‍टीवेट कर देगे तो आपके एकाउंट में दी गई सारी जानकारी फेसबुक से हटा दी जाएगी।

कैसे दोबारा एक्‍टीवेट करें अपना एकाउंट

  • दुबारा एकाउंट का एक्‍टीवेट करने के लिए सिर्फ आपको दुबारा अपने एकाउंट में लॉगइन करना होगा। जैसे ही आप दुबारा लॉगइन करेंगे आपका एकाउंट दुबारा एक्‍टीवेट हो जाएगा। 
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एनएफसी फीचर ( Near field communication ) क्‍या होता है और इसे कैसे फोन में प्रयोग करें ?





दोस्‍तों आपने काफी फोनों में एनएफसी फीचर के बारे में सुना होगा। लेकिन लोगों को इसके बारे में ज्‍यादा जानकारी नहीं है कि आखिर ये फीचर है क्‍या और इसे फोन में कैसे प्रयोग करें। दरअसल नोकिया ने करीब 1 साल पहले एनएफसी का फीचर अपने सिम्‍बेइयन बैले ओएस फोन में पेश किया था। एनएफसी एक तरह का वॉयरलैस फीचर है। जिसमें डेटा 106 से 424 केबीपीएस की स्‍पीड से ट्रांसफर होता है।

इसकी सबसे बड़ी खासियत होती है से कम पॉवर में बेहतर तरीके से काम करता है। एनएफसी की मदद से आप अपनी फोटो, कांटेक्‍ट और फाइल शेयर कर सकते हैं। हालाकि काफी लोग एनएफसी को ब्‍लूटूथ फीचर की तरह समझने लगते हैं।

जबकि एनएफसी बिल्‍कुल अलग तकनीक है। मानलीजिए आप कहीं शापिंग करने जा रहें है और किसी प्रोडेक्‍ट की कीमत के बारे में आपको इंटरनेट पर सर्च करना है तो एनएफसी की मदद से उस प्रोडेक्‍ट का बार कोड स्‍केन कर आप इंटरनेट पर उसके बारे मे सारी जानकारी फोन से ही सर्च कर सकते हैं।
 
कहां कहां प्रयोग कर सकते हैं एनएफसी फीचर
 
  • मोबाइल पेमेंट करने में
  • अगर आपकी कार में एनएफसी का फीचर दिया गया है तो आप अपने फोन में एनएफसी का प्रयोग करके कार स्‍टार्ट और डोर ओपेन कर सकते हैं।
  • क्‍यू आर बार कोड रीड करने के लिए एनएफसी का प्रयोग किया जा सकता है।
  • एक मोबाइल से दूसरे मोबाइल में डेटा ट्रांसफर करने के लिए।


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अपने कंप्यूटर को तुरंत शटडाऊन कैसे करें?


कंप्‍यूटर पर काम करते समय अचानक अगर आपको कहीं जाना पड़ जाए तो आप क्‍या करेंगे जाहिर सी बात है कंप्‍यूटर का सीधे स्‍विच ऑफ कर देंगे, मगर क्‍या आप जानते है ऐसा करना आपके कंप्‍यूटर के लिए कितना हानिकारक हो सकता है।


कंप्‍यूटर को डायरेक्‍ट शटडाउन करने से उसमें रन कर रहें प्रोग्राम सही ढंग से क्‍लोज नहीं हो पाते जिससे दूबारा उन्‍हें प्रयोग करने में दिक्‍कत का सामना करना पड़ सकता है। आज हम आपको एक ऐसे तरीके के बारे में बताएंग जिससे आप अपने कंप्‍यूटर को बिना किसी नुकसान से जल्‍दी शटडाउन कर सकेंगे।

1.  कंप्‍यूटर शटडाउन करने के लिए सबसे पहल नीचे दिए गए बार में जाकर राइट क्लिक करके टॉस्क मैनेजर को ओपेन कर लीजिए। या फिर डायरेक्‍ट टॉस्‍क मैनेजर ओपेन करने के लिए CTRL + ALT + DEL शार्टकट की भी प्रयोग कर सकते हैं।


2. टास्‍क मैनेजर ओपेन होने के बाद Application ऑप्‍शन को चूज करके उसमें चल रहें सभी प्रोग्राम को बंद यानी End Task के ऑप्‍शन को चूज कर लें

3.  इसके बाद ALT + U की दबाकर शटडाउन आइकॉन को ओपेन कर लीजिए।

4.  उसके बाद CTRL की बटन को दबाकर शटडाऊन या टर्न ऑफ का ऑप्‍शन चुने

5.  ऑप्‍शन चूज करते ही आपका कंप्‍यूटर बंद हो जाएगा।
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सोमवार, 15 अक्तूबर 2012

रेल रडार ( ट्रेन की ताजा स्थिति जानिए )

 
 
किसी भी ट्रेन का स्टिक स्‍थान व समय जानने के लिये भारतीय रेल ने गूगल मेप के सहयोग से रेल रडार नामक वेबसाईट का सुभारम्‍भ किया हैं जिसमे माध्‍यम से ट्रेन की वर्तमान स्थिति, जिसमें वर्तमान में ट्रेन कहां पर हैं किस समय अपने नियमित स्‍टेशन पर पहुचेगी आदी की जानकारी प्राप्‍त कर सकते है !
 

इस प्रकार ट्रेन की स्थिति का पता करे - 
 
 

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Send Report Error कम्पयूटर से हटाये

 
my computer मे जाकर राईट क्‍लीक करे Properties पर क्‍लीक करे, advance tab पर क्‍लीक करे, error reporting button पर क्‍लीक करे, Disable error Reporting पर क्‍लीक करे तथा OK को सलेक्‍ट करे। चित्रानुसार भी समझ सकते है !



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गुरुवार, 11 अक्तूबर 2012

वसीयत : कैसे करें, क्या करें



क्या है वसीयत - मौत के बाद अपनी जायदाद के इस्तेमाल का हक किसी को सौंपने का फैसला अपने जीते जी लेना वसीयत कहलाता है। वसीयत करने वाला वसीयत में यह बताता है कि उसकी मौत के बाद उसकी जायदाद का कितना हिस्सा किसे मिलेगा।


क्यों जरूरी है -
 
अगर किसी ने वसीयत नहीं कराई है और उसकी मौत हो जाए तो जायदाद के बंटवारे को लेकर पारिवारिक झगड़ा होने का डर रहता है।

वसीयत न करवाने से प्रॉपटी पर किसी अनजान आदमी के कब्जा करने का अंदेशा रहता है।

अगर बेटियों को भी हक देना चाहते हैं तो वसीयत से ऐसा करना पक्का हो जाता है।

किस-किस चीज की वसीयत - 
 
खुद की कमाई हुई चल संपत्ति जैसे कैश, घरेलू सामान, गहने, बैंक में जमा रकम, पीएफ, शेयर्स, किसी कंपनी की हिस्सेदारी।

खुद की कमाई हुई अचल संपत्ति जैसे जमीन, मकान, दुकान, खेत आदि।

पुरखों से मिली कोई भी चल या अचल संपत्ति जो आपके नाम है।

कब करवाएं -
 
रिटायरमंट के फौरन बाद ही वसीयत करा देना अच्छा होता है।

वसीयत करवाने का सबसे अच्छा वक्त है 60 साल की उम्र।

अगर कोई शख्स कम उम्र में किसी गंभीर बीमारी से पीडित़ है तो वसीयत पहले भी कराई जा सकती है।

वसीयत का आम तरीका -
 
वसीयत का कोई तय फॉर्म नहीं होता। यह सादे कागज पर भी लिख सकते हैं। अपने हाथ से लिखी वसीयत
ज्यादा अच्छी रहती है।

जायदाद जिसके नाम कर रहे हैं, उसके बारे में साफतौर से लिखें। उसका नाम, पिता का नाम, पता और उसके साथ अपना रिश्ता जरूर बताएं।

अपनी पूरी जायदाद की ही वसीयत करनी चाहिए। जिस जायदाद की वसीयत नहीं की जाएगी, उस पर मौत के बाद झगड़ा होने का खतरा रहेगा।

अगर पार्टनर के साथ जॉइंट प्रॉपटी है, तो केवल उस जायदाद की ही वसीयत की जा सकती है, जो वसीयत करने वाले के नाम है। पार्टनर की जायदाद की वसीयत का अधिकार पार्टनर को ही है। अगर दोनों बराबर के हिस्सेदार हैं तो एक पार्टनर सिर्फ 50 फीसदी हिस्से की ही वसीयत कर सकता है।

वसीयत किसी भी भाषा में कर सकते हैं।
स्टांप ड्यूटी अनिवार्य नहीं है।
वसीयत में कभी भी और कितनी भी बार बदलाव कर सकते हैं।

कोशिश करें कि वसीयत छोटी हो और एक पेज में आ जाए। इससे बार-बार विटनस की जरूरत नहीं पड़ेगी। एक से ज्यादा पेज में आए तो हर पेज पर दोनों गवाहों के दस्तखत करवाएं।

बिना वजह बेटियों को नजरअंदाज न करें। याद रखें, कानून उन्हें बराबर का हक देता है।

फूलप्रूफ तरीका -
 
अपनी सारी प्रॉपटी की लिस्ट बनाएं और फिर ठंडे दिमाग से सोचें कि किसे क्या देना है।

सादे कागज पर अपनी हैंडराइटिंग में लिखें या टाइप कराएं कि आप अपने पूरे होशो-हवास में यह घोषणा करते हैं कि आपके बाद आपकी जायदाद का कौन-सा हिस्सा किसे मिलना चाहिए।

दो ऐसे लोगों को गवाह बनाएं, जो आपकी हैंडराइटिंग या आपके दस्तखत पहचानते हों।

हर पेज पर गवाहों के और अपने दस्तखत करें और अंगूठे भी लगवाएं।

इस वसीयत को सब-रजिस्ट्रार ऑफिस जाकर रजिस्टर्ड कराएं और रजिस्ट्रार के रजिस्टर में इसकी एंट्री भी करवाएं।

वसीयत करवाने की पूरी प्रक्रिया की विडियो रेकॉर्डिंग कराना अच्छा रहता है। वैसे, कानूनन यह जरूरी नहीं है।

ऐसा हो तो क्या करें?
 
अगर वसीयत करने वाले से पहले किसी गवाह की मौत हो जाए तो वसीयत दोबारा बनवानी चाहिए। दोबारा वसीयत बनवाते समय पहली वसीयत को कैंसल करने का जिक्र जरूर करें।

वसीयत अगर खो जाए तो भी दोबारा वसीयत करवाएं और बेहतर है कि उसमें थोड़ा फेरबदल करें, ताकि पहली वसीयत कैंसल मान ली जाए।

अगर वसीयत करने वाले की मौत और गवाह की मौत एक साथ हो जाए तो वसीयत करने वाले की और गवाह की हैंडराइटिंग ही उसका सबूत है। ऐसे में किसी ऐसे शख्स की तलाश करनी चाहिए, जो तीनों की हैंडराइटिंग पहचानता हो या तीनों के दस्तखत पहचानता हो।

किसे बनाएं गवाह -
 
गवाह उसे ही बनाएं जिस पर आपको पूरा भरोसा हो। ऐसा शख्स गवाह नहीं बन सकता, जिसे वसीयत में कोई हिस्सा दिया जा रहा हो। प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से गवाह को वसीयत से कोई फायदा नहीं होना चाहिए। याद रहे, गवाह को अगर प्रॉपटी से हिस्सा मिल रहा है तो अदालत गवाही रद्द भी कर सकती है।

गवाह पूरे होशो-हवास में होना चाहिए। उसकी दिमागी हालत दुरुस्त होनी चाहिए।

दोनों गवाह तंदुरुस्त और वसीयत करने वाले की उम्र से कम उम्र के होने चाहिए।

दोनों गवाहों में से एक डॉक्टर और एक वकील हो तो इससे अच्छा कुछ नहीं। डॉक्टर की मौजूदगी साबित करती है कि वसीयत करने वाला उस समय होशो-हवास में था और उसकी दिमागी हालत दुरुस्त थी। वकील की मौजूदगी में यह साफ हो जाता है कि वसीयत करनेवाले ने कानूनी सलाह ली है।
 
यह भी जानें -
 
भारतीय कानून के मुताबिक किसी भी धर्म और भाषा का व्यक्ति वसीयत करवा सकता है, लेकिन अगर वसीयत नहीं की गई है तो जायदाद के बंटवारे के लिए कोर्ट जाना होगा। कोर्ट इस बारे में फैसला करते वक्त उनके धर्म में मौजूद कानून को ध्यान में रखेगा। ऐसी स्थिति में हिंदू धर्म मानने वालों पर हिंदू लॉ लागू होता है, मुस्लिम धर्म मानने वालों पर शरीयत के मुताबिक लॉ लागू होता है। इसी तरह गैर-हिंदू और गैर-मुस्लिम लोगों का फैसला इंडियन सक्सेशन ऐक्ट के मुताबिक होता है।

वसीयत पर अगर कोई उंगली नहीं उठाता है तो सब ठीक है, लेकिन अगर इस मामले में कोई कोर्ट का दरवाजा खटखटाता है तो कानून पूरे मामले की पड़ताल करेगा।

आप अपनी जायदाद की वसीयत एक ट्रस्ट के नाम भी कर सकते हैं। फायदा यह है कि इसमें डेढ़ लाख रुपये तक की रिबेट टैक्स में मिल जाती है। ट्रस्ट बनाते वक्त यह साफ करना होता है कि कौन ट्रस्टी है और कौन वारिस। ट्रस्ट के नाम वसीयत को कैंसल भी किया जा सकता है और बदला भी जा सकता है। ट्रस्ट के ट्रस्टी संपत्ति की देखभाल करेंगे और जो इनकम होगी, वह वारिसों को मिलेगी। याद रखें वारिस ट्रस्टी नहीं हो सकते।
अगर कोई व्यक्ति मरते समय भी अपनी जायदाद की जुबानी घोषणा कर दे, तो भी आपसी सूझ-बूझ से जायदाद के हकदार बंटवारा कर सकते हैं। कानून को इसमें कोई ऐतराज नहीं होगा। कानून तब आड़े आता है जब किसी भी प्रकार की वसीयत पर विवाद हो।

 
आम गलतियां

 
लाइफ पार्टनर नजरंदाज :
 
गलती : कई बार देखने में आया है कि पति अपनी वसीयत में जायदाद का बंटवारा अपने बच्चों के नाम कर देते हैं।
सलाह : ऐसा न करें वरना पति के न होने की स्थिति में पत्नी को दिक्कतें झेलनी पड़ सकती हैं। पति और पत्नी, दोनों अपनी-अपनी जायदाद की वसीयत एक-दूसरे के नाम करवाएं।

जीते जी बंटवारा :
 
गलती : कई लोग जीते जी जायदाद का बंटवारा कर देते हैं।
सलाह : ऐसा भूलकर भी न करें। बंटवारा व्यक्ति की मौत के बाद ही होना चाहिए।

रजिस्टर्ड वसीयत :
 
गलती : कुछ लोग वसीयत रजिस्टर्ड नहीं करवाते। उन्हें लगता है कि रजिस्टर्ड करवाने का खर्च प्रॉपटी के हिसाब से लगेगा, जो काफी ज्यादा होगा।
सलाह : आपकी जायदाद की कीमत चाहे कितनी भी हो, वसीयत रजिस्टर्ड करवाने का कुघ रुपये आता है। इस रकम को रजिस्ट्रार ऑफिस में जमा करवाना पड़ता है।

पूरा ब्यौरा :
 
गलती : कुछ लोग अपनी जायदाद का पूरा ब्यौरा रजिस्ट्रार ऑॅफिस में देने से कतराते हैं। जहां काले धन की
गुंजाइश होती है, वहां ऐसा होना मुमकिन है।
सलाह : वसीयत में पूरी जायदाद का जिक्र करने में ही भलाई है। अधूरी जायदाद की वसीयत तब ही तक ठीक
रहती है, जब तक उसे चैलिंज न किया जा, वरना बाकी जायदाद पर विवाद हो सकता है।

अवैध वसीयत :
 
गलती : वसीयत करने वाला इस बात का जिक्र नहीं करता कि रजिस्टर्ड वसीयत के अलावा बाकी कोई भी वसीयत अवैध होगी।
सलाह : वसीयत रजिस्टर्ड करवाते समय उसमें यह जरूर लिखा जाए कि 'मेरी कोई भी वसीयत जो रजिस्टर्ड न हो, वैलिड न मानी जाए।'

वसीयत के बाद खरीदी गई चीजें :
 
गलती : कुछ लोग वसीयत करने के बाद खरीदी गई चीजों का जिक्र अपनी वसीयत में नहीं करते।
सलाह : वसीयत में यह जरूर लिखें कि 'यह वसीयत करने से लेकर मेरे मरने तक अगर मैं कोई और चीज खरीदूंगा, तो उसका कौन-सा हिस्सा किसे मिलेगा।'

परिवार को बताना :
 
गलती : लोग वसीयत के बारे में पहले से ही अपने वारिसों को बता देते हैं।
सलाह : वसीयत के बारे में परिवार के लोगों को न बताएं। बता देने से जिसे कम मिलता है, वह नाराज हो सकता है। बहला-फुसला कर वसीयत बदलनं पर भी जोर दिया जा सकता है।

दलालों के चक्कर :
 
गलती : वसीयत रजिस्टर्ड करवाने के लिए लोग दलालों के चक्कर में फंस जाते हैं।
सलाह : वसीयत को रजिस्टर्ड करवाने के लिए किसी दलाल या वकील की जरूरत नहीं होती। सब-रजिस्ट्रार के ऑफिस में वसीयत रजिस्टर्ड करवा सकते हैं।
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बुधवार, 10 अक्तूबर 2012

आधार कार्ड पर अपनी या दोस्तों की जानकारी कैसे देखे



आधार कार्ड एक 12 अंको का नम्बर है जो प्रत्येक व्यक्ति की अपनी पहचान का प्रतीक है दोस्तों इसी नम्बर से हम अपनी या अपने दोस्तों की जानकारी भी ले सकते है बस हमें आधार कार्ड का 12 अंको का नम्बर मालूम होना चाहिए 


इसके लिए आपको UIDAI की साईट से एक Java client application की मदद लेनी होगी इस की पूरी जानकारी निचे दी गई है 

Running Sample Application

UIDAI has created a fully working sample Java client application to help the community rapidly develop applications that use Aadhaar authentication. This application is written in Java and demonstrates various features of Aadhaar authentication. This 

application is provided on an "AS-IS" basis and should not be considered as a supported, production strength software. This chapter covers details about 

downloading, installing, and running the sample and setting up development environment with the source code.

Sample Java application (both binary and source code zip files) to test Aadhaar authentication can be downloaded from here.

 

Running Sample from Distribution

When you download the binary distribution using downlink above, you get "auth-client-bin-1.5.zip". Follow steps below to install and run the client. These directions are for Windows OS. If you are using Linux or other OS, you may make appropriate modification to build and run the client.

1. You need Java 1.6 or above installed on your computer and an Internet connection to run this sample.

2. Unzip "auth-client-bin-1.5.zip" into a directory. You will see the following contents.


Sample Client Runtime Directory Listing  

3. Run "runclient.bat" to run the sample application. 

4. In order to use Indian name matching, it is required that the java apps run in UTF-8 character encoding mode. For that, in Java, following VM arguments has to be passed "-Dfile.encoding=UTF8". This is already added to the "runclient.bat" file. 

5. This opens a command promt asking for OS type, enter 1 or 2 (based on your OS) and press ENTER.

 6. This opens the sample authentication client. See screenshot below.
Auth Client Main Screen
   
7. Click "Edit->Preferences" menu to make sure you see following screen with values. Ensure license key, AUA code, Sub AUA code are as listed under "Testing Data" page

Auth Client Preferences Screen
 
 
8. Now you are ready to test!! 

9. Enter "999999990019" in "Aadhaar Number" field and "Shivshankar Choudhury" in the "Name" field. See "Testing Data" page for details on test data for testing various combinations. 

10. Click "Authenticate" button at the bottom right


11. You should see a green tick mark within the "Authentication Status" field. See the following screen


Auth Client Result Screen

   
12. If you have issues, first ensure you have followed all steps correctly. 

13. If you face network or connection errors, please make sure your Internet connection is working well. If test server (auth.uidai.gov.in) is down or not reachable, try after some time.If nothing works (!), please write to the discussion group.











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हिंदी डॉक्युमेंट स्कैन करके बदलिए टेक्स्ट फाइल में ( OCR )

 भारत सरकार की सूचना प्रौद्योगिकी संस्था CENTRE FOR DEVELOPMENT OF ADVNCED COMPUTING (C-DAC) ने छापे हुए हिंदी के शब्दों को डिजिटल रूप में बदलने के लिए एक हिंदी OCR सॉफ्टवेयर बनाया है चित्रांकन (Chitrankan) यानी अब आप किसी भी तरह के हिंदी में लिखे या छापे पृष्ठ को बिना टाइप किये इस सॉफ्टवेयर की मदद से टेक्स्ट के रूप में प्राप्त कर सकते हैं ।

इस टूल के विषय में अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें ।
 

यह सॉफ्टवेयर केवल 10 एमबी का है ।

इसे डाउनलोड करने यहाँ क्लिक करें ।
 

एक और लिंक जहाँ से आप इसे डाउनलोड कर सकते हैं ।
ये लिंक आपको चित्रांकन डाउनलोड पेज पर ले जाएगी जहाँ आप कुछ जानकारियां भरने के बाद डाउनलोड लिंक प्राप्त कर पायेंगे ।


इस लिंक से आपको एक जिप फाइल मिलेगी जिसे अनजिप कर ले 
अब आपको chintrakan फोल्डर नज़र आयेगा 
इस फोल्डर में आप को chintrakan.ini फाइल भी नज़र आएगी
chintrakan.ini फाइल को पहले अपने विंडोज ड्राइव (आमतौर पर C ड्राइव ) में पेस्ट कर दें 
इसके बाद ही आप इस सॉफ्टवेर को इन्स्टाल करे

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शुक्रवार, 5 अक्तूबर 2012

BIOS के पासवर्ड को तोड़ने का बेहतरीन तरीका


BIOS पासवर्ड को भूल जाना एक बड़ी परेशानी है BIOS का पासवर्ड भूल जाने के कारण हम अपने सिस्टम में कुछ भी बदलाव नहीं कर सकते जेसे की किसी ड्राइव को डिसेबल अनेबल नहीं कर सकते या फिर विंडो डालते टाइम बूट मेन्यू सलेक्ट नहीं कर सकते
BIOS पासवर्ड को केसे तोडा जाता है ये बात गूगल पर सर्च करने पर आपको बहुत से ऐसे लिंक मिलेंगे जो या तो किसी टूल के द्वारा या फिर मदर बोर्ड की बेटरी निकालने के बारे में बतायेंगे इन सब तरीको से BIOS का पासवर्ड नहीं टूटता ये सब कहने की बाते है है की मदर बोर्ड में लगी बेटरी को निकाल कर दुबारा लगा दो तो पासवर्ड टूट जायेगा बेटरी वाला तरीका पुराने टाइम के मदर बोर्ड पर काम करता था लेकिन आजकल के मदर बोर्ड में न तो बेटरी वाला तरीका काम करता है और ना ही किसी सोफ्टवेयर से आप BIOS का पासवर्ड तोड़ पाओगे
 
BIOS का पासवर्ड तोड़ने के लिए निचे दिया हुआ तरीका अपनाना होगा 
Step 1. सबसे पहले ऊपर चित्र में दिए गये BIOS/CMOS जम्बर को अपने मदर बोर्ड में ढूंढे ये जम्बर अधिकतर मदरबोर्ड में बेटरी के पास होती है 

Step 2. जिस साईड  ये जम्बर लगी है उसे उस साईड से निकल कर दूसरी साईड लगा दे .
 
Step 3. अब कंप्यूटर को स्टार्ट करने के बाद दुबारा से बंद कर दे
 
Step 4. अब उस जम्बर को दूसरी साईड से निकल कर उसी साईड लगा दे जहा ये पहले लगी हुई थी

 
बस आपको इतना ही काम करना है अब अपने कंप्यूटर को स्टार्ट करे  पासवर्ड टूट चूका होगा
 

इस BIOS के पासवर्ड तोड़ने की ट्रिक को हमेशा याद रखे क्या पता कब आपको या आपके किसी परिजित को इसकी जरूरत पढ़ जाए
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इमेल अकाउंट खुद ही देगा नए इमेल का जवाब

 
अगर आपको भी किसी इमेल के भेजने पर तुरंत जवाब में इमेल प्राप्त होती है और आप भी ये करना चाहते है या फिर आप चाहते हैं की छट्टियों में जब भी आपको नयी इमेल प्राप्त हो तो मेल भेजने वाले को आपकी तरफ से जवाब में एक मेल खुद ही भेजा जा सके जिसमे आपकी ओर से उन्हें आपकी अनुपलब्धता के बारे में सूचित किया जा सके तो यहाँ पर आपकी लिए इस विषय में जानकारी देने का प्रयास है ।



ये सुविधा आप जीमेल और याहू दोनों में ही प्रयोग कर सकते हैं ।

 
सबसे पहले जीमेल
 
अपने जीमेल अकाउंट में लोगिन कीजिये
 


 
अब ऊपर चित्र में दिखाए अनुसार Settings विकल्प पर क्लिक कीजिये
 
एक नया पेज खुलेगा इसमें स्क्रोल करके Out Of Office Auto Reply विकल्प ढूंढिए
 

 
अब इसमें Out Of Office Auto Reply On विकल्प चुनिए अब नीचे आप दो दिनांक चुन ले जब तक आप चाहते हैं की ये सुविधा कार्य करे जैसे आप छुट्टी पर है तो जब आप वापस लौटेंगे तब तक की तारीख चुन लें या अगर आप हर इमेल भेजने वाले को जवाब देना चाहते हैं तो एक दो साल आगे की तारीख चुन लें ।
 

अब नीचे अपना सन्देश टाइप करें जो आप चाहते है कि आपके मेल से भेजा जाए फिर नीचे Save Settings बटन पर क्लिक कर अपनी नयी सेटिंग सुरक्षित कर लें ।



याहूमेल में ये सुविधा शुरू करने के लिए
 
अपने याहूमेल अकाउंट में लोगिन करें फिर Options विकल्प में क्लिक कर More Options विकल्प चुनें ।
 

 
 
कुछ इस तरह से

अब नए खुले पेज में दायीं ओर विकल्प Vacation Response पर क्लिक करें ।
 
 
 
इस तरह
अब दायीं ओर की विंडो कुछ इस तरह दिखाई देगी ।
 

 
इसमें पहले बताये तरीके की तरह दो तारीख चुन लें अपना सन्देश टाइप करें और नीचे Save changes. विकल्प पर क्लिक कर सेटिंग सुरक्षित कर लें ।
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डेस्कटॉप आइकन से नीली पट्टी हटायें


कभी कभी ऐसा होता है कि डेस्कटॉप आइकन्स एक नीली पट्टी के रूप में दिखाई देने लगते हैं ।
वैसे ये कोई समस्या नहीं है पर फिर भी अगर इसे आप हटाना चाहे तो इसका तरीका यहाँ दिया जा रहा है ।

My Computer आइकन पर राईट क्लिक करें और सबसे नीचे Properties विकल्प पर क्लिक करें ।

अब नए खुले विंडो में Advanced टैब पर क्लिक करें ।

अब Performance खंड में Settings पर क्लिक करें ।

अब खुले विंडो में Visual Effects टैब में Custom पर क्लिक करें ।

यहाँ पर "Use drop shadows for icon labels on the desktop" आप्शन के सामने बॉक्स पर क्लिक कर इस आप्शन को सक्रिय कर दें ।

OK पर क्लिक कर सुरक्षित करें ।

अब आपके डेस्कटॉप पर नीली पट्टी दिखाई नहीं देगी ।
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Windows Password Resetter Boot Disk बनाए और विंडो के पासवर्ड को तोड़े

 
कंप्यूटर में कभी कभी ऐसी दिक्कत आ जाती है जिसकी वजह से हम काफी परेशान हो जाते है कि अब क्या करे एक ऐसी ही परेशानी है विंडो का पासवर्ड भूलने की जिस के कारण आप बिना पासवर्ड डाले अपना कंप्यूटर नहीं खोल सकते आज इसका तरीका ब्लॉग पर भी दे रहा हूँ ताकि किसी को भी विंडो का पासवर्ड भूल जाने पर परेशानी का सामना न करना पड़े

वेसे मेरे साथ कभी ऐसी परेशानी नहीं आई 
 
अब मैं आपको एक ऐसे टूल की जानकारी दे रहा हूँ जिससे आप आसानी से विंडो के पासवर्ड को क्रैक कर सकते हो और यह टूल मात्र 28 एमबी का है ये एक ISO फाइल है इसे डाउनलोड करने के बाद आपको बूटेबल सीडी बनानी होगी और उसे अपने सिस्टम में लगा कर अपने सिस्टम को सीडी से बूट करा कर आप आसानी से विंडो का पासवर्ड बदल सकते हो और आसानी से अपनी विंडो को खोल सकते हो 
 

 
ऊपर का तरीका इस्तेमाल करके आप बूटेबल सीडी बना सकते हो लेकिन आजकल ऐसे भी सिस्टम आ रहे है जिसमे सीडी रोम नहीं होता उसके लिए आप अपनी पेन ड्राइव को बूटेबल बना कर बहुत ही आसानी से विंडो के पासवर्ड को तोड़ सकते है
 
अगर आप पेन ड्राइव से पासवर्ड तोडना चाहते है तो सबसे पहले यहाँ क्लीक करके आपको वो टूल डाउनलोड करना होगा 
 
उसके बाद अपनी पेन ड्राइव को फोर्मेट करे और जो आपने फाइल डाउनलोड करी है उसे अनजिप करके उसके अन्दर दी हुई KonBootInstall फाइल को डबल क्लीक करके चलाना है 
 
जैसे ही आप डबल क्लीक कर के उस फाइल को खोलोगे तो आपके स्क्रीन पर एक मेसज आएगा जिसमे आपको उस ड्राइव का नाम लिखना है जो आपकी पेन ड्राइव का नेम है मान लिया आपकी पेन ड्राइव G ड्राइव में खुलती है तो आपको G लिखना है और एंटर का बटन दबाना है ऐसे करते ही आपकी स्क्रीन पर इसके सक्सेश होने का मेसज आएगा मेसेज आने के बाद आप उस पेन ड्राइव से सिस्टम को बूट करवा कर विंडो का पासवर्ड बदल सकते हो
 

नोट- पेन ड्राइव से कंप्यूटर को बूट करने के लिए आपके बूट वाले ओप्संश में युएसबी का ओप्संश होना चाहिए तब ही आपका सिस्टम पेन ड्राइव से बूट होगा

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